SIP के नुकसान– क्या एसआईपी निवेश आपके पैसों को नुकसान पहुंचाता है?

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Sip के नुकसान, Sip ke nuksan in hindi

SIP यानी Systematic Investment Plan इन्वेस्टमेंट का वह तरीका है जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं। वैसे तो Sip निवेश प्रत्येक इन्वेस्टर के लिए easy, flexible और सुविधाजनक होता है लेकिन कुछ SIP के नुकसान भी होते हैं जिनके बारे में निवेशकों को जरूर पता होना चाहिए

आज इस पोस्ट में हम सिप यानी SIP के 10 नुकसान के बारे में बात करेंगे जो हर एक Investor को पता होना चाहिए।

जैसा कि आप जानते हैं कि एक इन्वेस्टमेंट करने से पहले उसके फायदे और रिस्क को समझना बहुत जरूरी होता है। इसलिए, मेरी आपसे गुजारिश है कि पोस्ट को ध्यान से पढ़े ताकि भविष्य में आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से सही इनवेस्टमेंट निर्णय ले सकें।

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

SIP के नुकसान (Disadvantages of SIP in Hindi)

SIP के नुकसान में से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु यहाँ पर दिए हैं जिनको निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए। सबसे बड़ा नुकसान हैं कम रिटर्न, जिसके कारण निवेशकों को long term फाइनेंशियल गोल्स को प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

इसके अलावा high expenses, बाजार में उतार-चढ़ाव, हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी, कंसंट्रेशन रिस्क, एग्जिट लोड, और लॉक-इन पीरियड भी SIP के नुकसान है।

Sip इन्वेस्टमेंट के इन सभी नुकसान के बारे में आपको ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि एसआईपी निवेश से संबंधित सही जानकारी के बिना निवेश करने से आपको काफी नुकसान भी हो सकता है।

नीचे हमने एक-एक करके SIP के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं, उन सभी के बारे में उदाहरण के साथ बताया है इसीलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना. SIP disadvantages का सबसे पहला पॉइंट है–

1. एसआईपी (SIP) में मार्केट रिस्क का नुकसान

सिप इन्वेस्टमेंट यानी SIP में मार्केट रिस्क का मतलब है कि इन्वेस्टर के म्युचुअल फंड यूनिट्स की वैल्यू मार्केट के बदलाव के कारण घट सकती है। ये हर बाजार आधारित निवेश में होने वाला खतरा (नुकसान) है।

इसका सरल उदाहरण ये है कि अगर आपने एक एसआईपी प्लान में निवेश किया है और बाजार में अचानक आर्थिक मंदी या किसी विशिष्ट क्षेत्र की दुर्घटना हो गई, तो आपके म्यूचुअल फंड यूनिट्स की वैल्यू कम हो सकती है। इसलिए, मार्केट रिस्क को हमेशा ध्यान में रखना जरूरी है।

2. Sip निवेशकों को फंड हाउस पर निर्भर रहना पड़ता है

SIP निवेश का दूसरा नुकसान यह है कि निवेशक को उसके निवेश किए गए फंड का डायरेक्ट कंट्रोल नहीं होता है क्योंकि फंड मैनेजमेंट फंड हाउस के हाथ में होता है।

  • इसका मतलब है कि एसआईपी निवेशक को फंड के निवेश के फैसले, स्टॉक सिलेक्ट करने और पोर्टफोलियो मैनेज करने का कोई हक नहीं होता है।
  • इसका कंट्रोल केवल Fund manager के पास होता है।
  • इससे कुछ निवेशकों को उनके पैसे के निवेश पर नियंत्रण का एहसास नहीं होता है और वो उनके प्रदर्शन पर शक रख सकते हैं।
  • लेकिन फंड हाउस के अनुभवी फंड मैनेजर के द्वार पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के कारण, फंड का रिटर्न भी बेहतर हो सकता है।

इसलिए, निवेशकों को फंड हाउस के पिछले प्रदर्शन और फंड मैनेजरों की विशेषज्ञता का ध्यान देना चाहिए और फिर फैसला लेना चाहिए।

3.SIP इन्वेस्टमेंट में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती

एसआईपी (SIP) का तीसरा नुकसान यह है कि इसमें कोई गारंटीड रिटर्न नहीं होता। आपके SIP Invesment का रिटर्न बाजार की स्थिति और फंड के प्रदर्शन निर्भर करता है। इसका मतलब है कि कुछ टाइम में एसआईपी इन्वेस्टमेंट से ज्यादा रिटर्न मिल सकते हैं, लेकिन कभी-कभी मार्केट डाउन होने के कारण एसआईपी रिटर्न कम भी हो सकते हैं।

इसलिए, Sip में इन्वेस्टमेंट करते समय निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश की योजना बनानी चाहिए और बाजार जोखिमों को भी विचार करना चाहिए। साथ ही एसआईपी निवेश के लिए realistic expectations निर्धारित करना चाहिए मतलब sip इन्वेस्टमेंट से हमें जल्दी रिटर्न कमाने की उम्मीद बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।

4. महंगाई के कारण SIP निवेश को नुकसान होता है

अगला बड़ा SIP का नुकसान यह है कि इसमें महंगाई का भी असर होता है। महंगाई (inflation) का मतलब होता है कि टाइम के साथ साथ पैसे की वैल्यू घटती है। अगर आपका एसआईपी इन्वेस्टमेंट का रिटर्न इन्फ्लेशन के रेट से कम है, तो समझ जाइए कि आपकी इन्वेस्टमेंट की रियल वैल्यू कम होती जा रही है।

इसलिए, इन्वेस्टर्स को sip investment में फंड्स सेलेक्ट करते वक्त इन्फ्लेशन के रेट्स पर भी विचार करना चाहिए और ऐसे funds सेलेक्ट करना चाहिए जो इन्फ्लेशन से बेहतर रिटर्न ऑफर करते हैं।

5. सिप (SIP) म्यूच्यूअल फंड एक्सपेंस रेशियो काफी ज्यादा होता है

Sip का पांचवा नुकसान है कि कुछ म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करते वक्त एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) काफी ज्यादा हो सकता है। एक्सपेंस रेशियो, म्यूचुअल फंड कंपनी के खर्चों के लिए चार्ज किया जाने वाला फीस होता है।

इसका मतलब है कि म्यूचुअल फंड कंपनी फंड की मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंस के लिए एक्सपेंस रेशियो के लिए निवेशक से फीस ले सकती है।

अगर एक्सपेंस रेशियो ज्यादा होगा, तो फंड के रिटर्न भी उससे कम हो सकते हैं। इसलिए, निवेशकों को mutual funds को चुनते समय एक्सपेंस रेशियो को ध्यान में रखना चाहिए। आपको Expense Ratio से जुडी जानकारी फंड हाउस के ऑफर डॉक्यूमेंट में मिल जाएगी।

6. एसआईपी (SIP) में पैसा निकालने का चार्ज लगता है

अगला Sip का नुकसान है कि कुछ म्यूचुअल फंड में एग्जिट लोड (Exit load) लगता है। एग्जिट लोड एक पेनल्टी है जो तब लगता है जब निवेशक अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को जल्दी withdraw करता है।

अगर आप अपने यूनिट्स को जल्दी रिडीम (withdraw) हैं यानी अपना पैसा SIP से बाहर निकालते हैं, तो फंड कंपनी आपको एग्जिट लोड के लिए पेनल्टी चार्ज करती है।

Exit load सामान्य रूप से कुछ प्रतिशत के रूप में चार्ज किया जाता है और कार्यकाल के हिसाब से अलग- अलग होता है। यदि आप शॉर्ट-टर्म गोल्स के लिए सिप इनवेस्टमेंट करते हैं और अपने यूनिट्स को early redeem करते हैं, तो एग्जिट लोड के कारण आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए, निवेशकों को एग्जिट लोड को भी विचार करते वक्त फंड्स को चुनना चाहिए।

7. एसआईपी में लॉक-इन पीरियड का प्रभाव

अगला Sip का disadvantage यह है कि कुछ म्यूचुअल फंड में लॉक-इन पीरियड होता है। लॉक-इन अवधि का मतलब है कि आप अपने निवेश को विशेष अवधि के बाद ही बाहर निकल सकते हैं।

  • लॉक-इन पीरियड का duration फंड के ऑफर डॉक्युमेंट्स में बताया जाता है। अगर आप अपने यूनिट्स को लॉक-इन पीरियड के बीच बीच में रिडीम करते हैं, तो फंड हाउस आपको पेनल्टी चार्ज करता है।

लॉक-इन अवधि के कारण, निवेशकों को अपने फंड को लिक्विडेट करने में प्रतिबंध हो सकता है। इसलिए, इन्वेस्टर्स को लॉक-इन पीरियड को भी विचार करते वक्त फंड्स का चयन करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से लॉक-इन पीरियड का ड्यूरेशन सेट करना चाहिए।

8. SIP निवेश में कंसंट्रेशन रिस्क का नुकसान

Sip का अगला drawback यह है कि कुछ म्यूचुअल फंड में concentration risk होता है। कंसंट्रेशन रिस्क का मतलब है कि कुछ म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो में ज्यादा concentration एक स्पेशल सेक्टर, इंडस्ट्री या कंपनी के स्टॉक्स में हो सकती है।

इसका मतलब है कि अगर किसी स्पेशल सेक्टर, इंडस्ट्री या कंपनी में नेगेटिव न्यूज आती है, तो फंड का रेट और अचानक से बहुत कम हो सकता है। इसलिए, एसआईपी इन्वेस्टमेंट करते समय कॉन्सेंट्रेशन रिस्क पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

इसके लिए आपको डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो वाले mutual funds सेलेक्ट करना चाहिए, जिनमें कंसंट्रेशन रिस्क काफी कम हो। डायवर्सिफाइड फंड्स के पोर्टफोलियो में शेयर के निवेश के बारे में पूरी जानकारी फंड हाउस के offer document में उपलब्ध होती है।

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9. कुछ SIP इन्वेस्टमेंट में loss का जोखिम होता है

कुछ म्यूचुअल फंड में अच्छी परफॉर्मेंस के लिए हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी यूज किया जाता है। High-risk strategy का मतलब है कि फंड मैनेजर High return जेनरेट करने के लिए हाई-रिस्क इन्वेस्टमेंट करता है ऐसे Sip निवेश में नुकसान का जोखिम भी ज्यादा होता है।

  • यदि आप हाई-रिस्क स्ट्रैटेजी वाले फंड्स में पैसा invest करते हैं, तो ज्यादा रिटर्न मिल सकते हैं लेकिन इस इनवेस्टमेंट में आपको हाई-रिस्क भी लेना होगा।
  • इसलिए, निवेशकों को निवेश के जोखिम सहनशीलता के हिसाब से funds select करना चाहिए और यथार्थवादी रिटर्न की उम्मीदें सेट करना चाहिए।

अगर आपके वित्तीय लक्ष्य long term के हिसाब से हैं, तो आप उच्च जोखिम वाली रणनीति वाले फंड में निवेश कर सकते हैं, लेकिन short term लक्ष्यों के लिए उच्च जोखिम वाली रणनीति वाले फंड में निवेश नहीं करना चाहिए।

10. सिप में निवेश को ट्रैक करना पड़ता है

Sip का आखिरी नुकसान यह है कि बाजार की अस्थिरता के कारण आपकी investment value में उतार-चढ़ाव हो सकता है। मार्केट वोलैटिलिटी का मतलब है कि स्टॉक prices कम ज्यादा होते रहते हैं।

  • अगर आप इक्विटी फंड में निवेश करते हैं, तो बाजार की अस्थिरता के कारण आपके फंड की वैल्यू में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
  • यदि मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट रहता है, तो आपके funds की वैल्यू बढ़ सकती है लेकिन नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण आपके funds की वैल्यू घट सकती है।

इसलिए, निवेशकों को market की volatility के कारण भी अपने निवेश को ट्रैक करते रहना चाहिए और नियमित निवेश करते वक्त लंबी अवधि के लिए investment करना चाहिए।

इसके अलावा मार्केट वोलैटिलिटी के कारण आपके फंड्स की वैल्यू कम होने से आपको घबराना नहीं चाहिए क्योंकि इक्विटी फंड्स में लॉन्ग टर्म के लिए invest करने पर normal return भी ज्यादा होते है।

FAQ’s (SIP ke nuksan in hindi)

एसआईपी (SIP) निवेश का नुकसान क्या है?

Sip निवेश के नुकसान काफी है जैसे कि; कम रिटर्न, बाजार में अस्थिरता, उच्च जोखिम वाली रणनीति, कंसंट्रेशन रिस्क, exit load, लॉक-इन अवधि आदि।

सिप में रिस्क क्या है?

सिप (SIP) में निवेश करने का सबसे बड़ा रिस्क है लॉक इन पीरियड जिसके कारण आप लॉक इन अवधि के दौरान पैसा बाहर नहीं निकाल सकते. अगर आप फंड बाहर निकालते हैं तो आपको एसआईपी इन्वेस्टमेंट का फायदा नहीं मिलेगा। इसके अलावा सिप में पैसा इन्वेस्ट करने पर आप मार्केट की तेजी मंदी का फायदा नहीं उठा पाते हैं।

क्या एसआईपी एक सुरक्षित निवेश है?

लंबी अवधि के निवेश के लिए एसआईपी (SIP) एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट है। लेकिन अगर आप बहुत जल्दी अपने पैसे को मल्टिप्लाई करना चाहते हैं मतलब कम समय में अधिक रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपको एसआईपी करने के बजाय इक्विटी में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए।

Sip निवेश से कितने समय तक रिटर्न मिल सकते हैं?

सिप निवेश (SIP investment) के रिटर्न समय अवधि पर निर्भर करते हैं मतलब कितने समय के लिए आप पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं। आम तौर पर, लंबी अवधि के साथ निवेश करने से रिटर्न ज्यादा होता है। लेकिन बाजार की अस्थिरता के कारण रिटर्न में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

क्या एसआईपी निवेश अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने का सही तरीका है?

एसआईपी निवेश अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक तरीका है लेकिन निवेशकों को अपने वित्तीय नियोजन के हिसाब से फंड्स का चयन करना चाहिए। साथ ही, निवेशकों को निवेश के जोखिम सहनशीलता पर भी विचार करना चाहिए।

क्या म्यूचुअल फंड में एग्जिट लोड और लॉक-इन पीरियड होता है?

नहीं, कुछ म्यूचुअल फंड में एग्जिट लोड और लॉक-इन पीरियड होता है और कुछ में नहीं होता है। निवेशकों को फंड के ऑफर डॉक्युमेंट्स में ये डिटेल्स चेक करनी चाहिए।

Sip में कंसंट्रेशन रिस्क से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

निवेशकों को कंसंट्रेशन रिस्क से बचने के लिए डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो चुनना चाहिए जिसका इन्वेस्टमेंट अलग-अलग स्टॉक्स के पोर्टफोलियो में ठीक से डिस्ट्रीब्यूट किया गया हो। साथ ही, सेक्टर के प्रदर्शन के हिसाब से पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग भी करना चाहिए।

SIP के नुकसान – ‘निष्कर्ष’

आज के पोस्ट में हमने देखा कि SIP इन्वेस्टमेंट के नुकसान क्या-क्या होते हैं। इसके अलावा हमने यह भी जाना कि निवेश का कोई भी निर्णय लेने से पहले, निवेशकों को अच्छी तरह से रिसर्च करना चाहिए और उससे जुड़े लाभों और जोखिमों का मूल्यांकन करना चाहिए।

अंत में मैं बस आपसे इतना ही कहना चाहूंगा कि आपको फाइनेंसियल प्लानिंग करते समय या किसी म्यूच्यूअल फंड में सिप इन्वेस्टमेंट करते समय SIP के नुकसान को ध्यान में जरूर रखना चाहिए ताकि आप अपने financial goals को जल्दी प्राप्त कर सकें।

मैं आशा करता हूं इस आर्टिकल में दी गई जानकारी हर निवेशक के लिए उपयोगी साबित होगी। इस टॉपिक पर आपका क्या कहना है नीचे कमेंट करके जरूर बताइए

और अगर आपका SIP (Systematic Investment plan) से संबंधित कोई सवाल है तो वह भी कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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