डिविडेंड क्या होता है और कैसे मिलता है? Dividend Meaning in Hindi

Dividend kya hota hai in hindi: डिविडेंड मतलब लाभांश किसी कंपनी के प्रॉफिट का वह हिस्सा होता है जो वह अपने शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त लाभ के रूप में बांट देती हैं

शेयर मार्केट में आपने अक्सर सुना होगा कि किसी कंपनी ने 100% तो किसी ने 200% डिविडेंड दिया, बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स डिविडेंड से पैसा कमाते हैं और अमीर बनते हैं. दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर वारेन बुफे हर साल सिर्फ एक कंपनी के dividend से 3000 करोड़ से भी ज्यादा कमाते है लेकिन आखिर यह डिविडेंड होता क्या है?

  • कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं और क्यों देती हैं?
  • कैसे पता करें कौन सी कंपनी कब और कितना डिविडेंड देती है?
  • डिविडेंड के फायदे और नुकसान क्या- क्या हैं?
  • क्या डिविडेंड से अमीर कैसे बना जा सकता है?
  • डिविडेंड वाले स्टॉक्स में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए या नहीं?

आज मैं इस पोस्ट में आपके इन सभी सवालों का जवाब दूंगा और स्टॉक मार्केट में डिविडेंड क्या होता है, इसकी पूरी जानकारी basic से advance तक विस्तार से देने वाला हूं. मैं वादा करता हूं अगर आपने इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ लिया तो आपके मन में डिविडेंड से संबंधित कोई प्रश्न नहीं रहेगा.

आइए अब जानते हैं कि―

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है? Dividend meaning in hindi

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?
Dividend kya hota hai– dividend meaning in hindi

डिविडेंड मतलब लाभांश किसी कंपनी के प्रॉफिट का वह हिस्सा होता है जो वह अपने शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त लाभ के रूप में बांट देती हैं. शेयर मार्केट में केवल कुछ कंपनियां ही डिविडेंड देती हैं जो Per share के हिसाब से दिया जाता है. निवेशकों को डिविडेंड का यह पैसा क्वार्टरली या सालाना बेसिस पर मिलता है।

जबकि जो कंपनियां डिविडेंड नहीं देती हैं वह अपने बचे हुए लाभ को वापस कंपनी की ग्रोथ में लगाना पसंद करती हैं.

डिविडेंड को हिंदी में क्या कहते हैं?

  • डिविडेंड का हिंदी में अर्थ होता है ‘लाभांश’ मतलब इसे हिंदी में लाभांश बोलते हैं. लाभांश का मतलब होता है लाभ का अंश. मतलब कंपनी के शुद्ध लाभ (नेट प्रॉफिट) का एक हिस्सा जो शेयरधारकों को दिया जाता है, उसे ही dividend कहते हैं।

डिविडेंड इनकम क्या होती है?

  • Dividend income वह पैसा होता है जो शेयर को रखने पर मिलता है मतलब आपके पास डिविडेंड देने वाली कंपनी के जितने ज्यादा शेयर होंगे आपको उतनी ही ज्यादा dividend income मिलेगी।

Dividend per share क्या होता है?

  • कंपनी के एक शेयर पर जितना डिविडेंड दिया जाता है उसे ही ‘Dividend per share‘ कहते हैं. इसे शॉर्ट में DPS भी बोलते हैैं।

डिविडेंड का उदाहरण (Example of dividend in hindi)

  • अगर आपके पास ITC कंपनी के 200 शेयर हैं और प्रति शेयर डिविडेंड 10 रुपये है तो आपकी dividend income (200 ×10 = 2000) रुपये होगी.

डिविडेंड यील्ड क्या है?

  • डिविडेंड यील्ड का मतलब होता है कि शेयर प्राइस पर कंपनी कितने (%) का डिविडेंड देती है.

दूसरे शब्दों में,

  • डिविडेंड यील्ड एक अनुपात है जो यह बताता है कि कंपनी ने 1 शेयर पर जितना डिविडेंड दिया है वह कंपनी के करंट मार्केट प्राइस का कितना प्रतिशत (%) है.

इस प्रकार:

Dividend Yield = dividend per share / current market price of a share

उदाहरण― मान लो अगर ABC कंपनी का शेयर प्राइस ₹100 है और उसने 5 रुपये per share का dividend दिया है तो कंपनी का डिविडेंड यील्ड होगा:

(5/100) × 100 = 5%

इसका मतलब है ABC कंपनी में निवेश करने पर आपको सालाना 5% का dividend मिलेगा.

निवेशक डिविडेंड वाले शेयर में निवेश क्यों करते हैं?

Dividend meaning in hindi, dividend ka matlab kya hai

लोग डिविडेंड को लेकर इसीलिए उत्साहित रहते हैं क्योंकि stock market में आप Profit दो तरह से कमाते हैं―

  1. पहला शेयर को कम प्राइस में खरीद कर ज्यादा में बेचना
  2. दूसरा dividend के द्वारा.

लोग डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स में पैसा invest करना चाहते हैं क्योंकि एक तो share holders को हर साल शेयर का जो दाम बढ़ेगा वो तो फायदा होगा ही, साथ ही साल में 1 या 2 बार एक fixed amount भी मिलेगा उससे अलग फायदा होगा.

साथ ही कुछ लोग यह भी सोचते हैं कि अगर शेयर प्राइस बढेगा भी नहीं तो भी वह अगर 10% dividend yield वाली कंपनी में निवेश कर देते हैं तो भी वे FD के 6% से ज्यादा रिटर्न तो कमा ही लेंगे तो यह भी dividend stocks में निवेश करने का एक कारण होता है.

आपके पोर्टफोलियो में जितने ज्यादा शेयर होंगे आपको उतना ही ज्यादा डिविडेंड मिलता है. इसलिए लोग इसे शेयर मार्केट से Regular income या passive income कमाने का जरिया मानते हैं.

और देखा जाए तो यह सच भी है क्योंकि आप दुनिया के किसी भी अमीर आदमी की बात करें चाहे वह इंडिया के मुकेश अंबानी या गौतम अडानी हों, टेस्ला के elon musk, microsoft के बिल गेट्स या Amazon के जैफ बेजॉस कोई भी हो,

ये सभी लोग इसलिए अमीर नहीं है क्योंकि इनके पास इनकी कंपनियों के ज्यादातर shares हैं बल्कि इसलिए अमीर है क्योंकि ये लोग हर साल अपनी कंपनियों से (जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां है) उनसे हर साल हजारों करोड़ों रुपए की डिविडेंड income कमाते हैं.

डिविडेंड को समझना क्यों जरूरी है?

(Why dividend is important in hindi)

सिर्फ डिविडेंड से आप किसी भी कंपनी के promotors के बारे में बहुत कुछ पता कर सकते हैं जैसे; मैनेजमेंट की फितरत, ईमानदारी, plans, वह कंपनी को लेकर कितने serious है और उनका कंपनी को लेकर नजरिया (future vision) क्या है,

यह सब पता करने के लिए आपको देखना होगा कि कंपनी कैसे डिविडेंड देती है और उसका past dividend track क्या रहा है.

कौन सी कंपनियां डिविडेंड देती हैं?

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डिविडेंड हमेशा वही कंपनियां देती है जो प्रॉफिट में होती है, Loss में रहने वाली कंपनियां कभी डिविडेंड नहीं देती. डिविडेंड वो कंपनियां देती है जो काफी बड़ी और mature हो चुकी होती है.

क्योंकि जब कंपनियां नई और अपने बिजनेस को बड़ा (expand) करने के दौर में होती हैं तो वे अपने सारे प्रॉफिट को अपने बिजनेस के expansion में ही invest करना चाहती हैं क्योंकि कंपनियों को पता होता है कि आज के प्रॉफिट को बिजनेस में लगाकर ही वह future में इससे कई ज्यादा प्रॉफिट कमा सकती हैं.

ऐसा नहीं है कि अगर कंपनियां डिविडेंड नहीं देती है तो इन्वेस्टर्स को फायदा नहीं होता है बल्कि अगर कंपनी अपने प्रॉफिट को डिविडेंड देने की बजाय सही जगह लगाकर अपना बिजनेस बढ़ाती जाएगी तब तक उसका नेट प्रॉफिट भी बढ़ता रहेगा

और प्रॉफिट बढ़ने से भी फायदा इन्वेस्टर्स को ही मिलेगा.

बल्कि इसमें 2 तरह से शेयर होल्डर्स को फायदा होगा― पहला कंपनियों का प्रॉफिट बढ़ने से शेयर प्राइस भी बढेगा जिसका फायदा शेयर होल्डर को ही मिलेगा

और दूसरा,

  • अगर वह कंपनी भविष्य में डिविडेंड देती है तो वह आज के डिविडेंड से कई गुना ज्यादा होगा क्योंकि तब तक (future में) कंपनी काफी बड़ी हो चुकी होगी और उसका प्रॉफिट भी कई गुना बढ़ चुका होगा.

डिविडेंड कितने प्रकार के होते हैं? Types of dividend in hindi

डिविडेंड 5 प्रकार के होते हैं:

  1. Cash dividend
  2. Stock dividend
  3. Scrip dividend
  4. Liquidating dividend
  5. Property dividend

अधिकतर कंपनियां Cash dividend ही देती है इसीलिए बाकी सब के बारे में जानने की आपको आवश्यकता नहीं है.

Cash डिविडेंड दो प्रकार के होते हैं―

  1. Interim dividend
  2. Final dividend

Interim dividend kya hota hai?

ये वह डिविडेंड होता है जो कंपनी साल के बीच में कभी भी दे सकती है यहां तक कि कंपनी 3 से 4 बार भी अंतरिम डिविडेंड शेयर होल्डर को बांट सकती है, तो आप कह सकते हैं कि जो डिविडेंड क्वार्टरली बेसिस पर निवेशकों को बांटा जाता है उसे ‘Interim dividend’ कहते हैं।

Final dividend kya hota hai?

यह वह डिविडेंड होता है जो इन्वेस्टर्स को साल के अंत में मिलता है मतलब आपको हर साल annual बेसिस पर जो dividend मिलता है उसे ही ‘Final dividend‘ कहते हैं।

डिविडेंड कौन देता है?

डिविडेंड देना है या नहीं यह कंपनी के बोर्ड ऑफ मेंबर्स (Board of members) और कंपनी के डायरेक्टर फैसला करते हैं.

अगर उन्हें लगता है कि वह प्रॉफिट का उपयोग बिजनेस को बढ़ाने में कर सकते हैं तो वह डिविडेंड नहीं देते हैं और अगर उन्हें लगता है कि बिजनेस को बढ़ाना थोड़ा मुश्किल है तो वह प्रॉफिट का कुछ भाग शेयर होल्डर्स के बीच बांट देते हैं.

डिविडेंड कब मिलता है?

सभी कंपनियां डिविडेंड नहीं देती इसीलिए आपको उन कंपनियों के शेयर खरीदने होंगे जो डिविडेंड देती हैं और ऐसी कंपनियों की लिस्ट आपको ऑनलाइन सर्च के द्वारा मनीकंट्रोल जैसी वेबसाइट पर आसानी से मिल जाएगी. डिविडेंड देने की घोषणा कंपनी अपनी AGM यानी Annual General Meeting में करती है.

Dividend dates in hindi:

डिविडेंड लेने के लिए कुछ dates आपको ध्यान रखना पड़ता है जैसे―

Record date:

  • यह वह तारीख है जिस दिन कंपनी के डॉक्यूमेंट रिकॉर्ड में आपका नाम एक शेयर होल्डर के रूप में होना चाहिए.
  • डिविडेंड देने वाली कंपनी record date की publicly घोषणा करती है.
  • कंपनियां साल में कितनी भी बार डिविडेंड दे सकती हैं इसीलिए हर बार कंपनी एक record date की घोषणा करते हैं ताकि पब्लिक को पता चल सके कि अगर उन्हें डिविडेंड लेना है तो कब तक आना है शेयर buy करना होगा.
  • अगर record date के दिन आपका नाम कंपनी के शेयर होल्डर लिस्ट में नहीं होगा तो आपको dividend नहीं दिया जाएगा.

Ex dividend date:

  • Ex dividend date सामान्यतः record date के एक दिन पहले होता है मतलब कोई कंपनी जब रिकॉर्ड डेट का अनाउंसमेंट करती है तो Ex dividend date उसके 1 दिन पहले सेट हो जाता है.
  • अगर आपको किसी कंपनी के डिविडेंड चाहिए तो आपको उस कंपनी के शेयर को Ex dividend date से पहले खरीदना पड़ता है.
  • अगर Ex dividend date से पहले तक आपके पास शेयर नहीं होते हैं तो आपको डिविडेंड नहीं मिलेगा।

डिविडेंड कैसे मिलता है?

(How dividend works in hindi)

स्टॉक मार्केट में आपको डिविडेंड आपके पास मौजूद शेयर्स की संख्या के आधार पर दिया जाता है मतलब आपके पास जितने shares होते हैं उतना ही डिविडेंड आपको प्रति शेयर के हिसाब से मिलता है.

  • अगर Marico कंपनी प्रति शेयर 5 रुपये डिविडेंड देती है और आपके पास 100 share हैं तो आपको (100 × 5) यानी ₹500 डिविडेंड मिलेगा.

डिविडेंड कैसे कैलकुलेट करें? How to calculate dividend in hindi

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डिविडेंड का कैलकुलेशन कैसे होता है?

डिविडेंड कैसे निकाले― डिविडेंड कैलकुलेट करने के लिए आप डिविडेंड यील्ड फॉर्मूला का उपयोग कर सकते हैं. इसके अनुसार अगर आपके पास किसी XYZ कंपनी के 100 शेयर हैं, उसकी डिविडेंड यील्ड 5% है और करंट मार्केट प्राइस 200 रुपये है तो आपको 1000 रुपये डिविडेंड मिलेगा.

ऊपर दिया गया कैलकुलेशन मैंने नीचे दिए गए फार्मूले के अनुसार किया:

डिविडेंड का फार्मूला (dividend formula in hindi)

Dividend = Current share price × dividend yield × number of shares ( जो आपके पास हैं)

इस फार्मूले से डिविडेंड का कैलकुलेशन करने के लिए आपको 3 चीज़े पता करनी पड़ती है―

  1. पहला, कंपनी का करंट मार्केट प्राइस (CMP) जो आप गूगल पर सर्च करके पता कर सकते हैं.
  2. दूसरा, डिविडेंड यील्ड जो शेयर के चार्ट के नीचे छोटे अक्षरों में लिखी रहती है.
  3. तीसरा, आपके पास कितने शेयर हैं उनकी संख्या जो आप अपने ब्रोकर app के पोर्टफोलियो में जाकर देख सकते हैं।

प्रति शेयर लाभांश की गणना कैसे करें?

अगर आप प्रति शेयर लाभांश की गणना करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए फार्मूले में से ‘number of share‘ हटा दीजिए फिर आप प्रति शेयर लाभांश यानी (dividend per share) आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं.

अब तक आपने डिविडेंड का कैलकुलेशन करना सीख लिया अब आगे जानते हैं कि―

डिविडेंड कैसे चेक करें? How to check dividend in hindi

कौन सी कंपनी कब और कितना डिविडेंड देती है यह चेक करने के लिए आपको moneycontrol या ticker tape वेबसाइट पर जाना होगा. वहां जाकर आप dividend date पता कर सकते हैं और per share dividend भी चेक कर सकते हैं.

अब आइए step by step जानते हैं कि ticker tape वेबसाइट के द्वारा डिविडेंड कैसे चेक करें

  • सबसे पहले Ticker tape की वेबसाइट ओपन कीजिये.
  • आप Search stocks पर क्लिक कीजिए.
  • अब किसी भी कंपनी का नाम लिखकर सर्च करें.
  • अगले पेज पर आपको उस शेयर की पूरी डिटेल्स दिख जाएगी जैसे― शेयर का चार्ट, फाइनेंशियल रेश्योस, कंपनी प्रोफाइल, peer competitors, शेयर होल्डिंग आदि
  • इसके बाद अगर आप थोड़ा नीचे और scroll करेंगे तो recent event वाले सेक्शन में आपको डिविडेंड के बारे में भी दिख जाएगा कि कंपनी किस तारीख को कितना डिविडेंड देने वाली है या दे चुकी है।

For example:

  • अगर आप देखना चाहते हैं कि ITC कंपनी कितना डिविडेंड देती है तो आपने tickertape वेबसाइट पर जाकर ITC लिखकर सर्च किया.
  • अगले पेज पर आपको इस शेयर की पूरी detail दिख जाएगी और नीचे Recent event वाले सेक्शन में आपको ‘cash dividend‘ दिख जाएगा कि 1 शेयर पर कितना डिविडेंड pay किया है ( यह last डिविडेंड है जो कंपनी ने pay किया है पुराने सभी डिविडेंड देखने के लिए ‘see all events’ पर क्लिक करके past dividend भी देख सकते हैं)

डिविडेंड के फायदे और नुकसान

(Advantages and disadvantages of dividend in hindi)

नीचे मैंने आपको डिविडेंड से कुछ फायदा और नुकसान के बारे में बताया है―

डिविडेंड के फायदे क्या-क्या है?

  • अगर आप डिविडेंड देने वाली कंपनियों के शेयर खरीद कर sell नहीं करते हैं बल्कि लंबे समय के लिए होल्ड करके रखते हैं तो आपको शेयर प्राइस बढ़ने से तो फायदा होता ही है साथ ही हर साल डिविडेंड से भी इनकम होती है.
  • स्टॉक मार्केट में कुछ अच्छे डिविडेंड देने वाले मजबूत stocks भी हैं जैसे; Britania industries जिनमें निवेश करने पर आपका पैसा समय के साथ grow होता रहता है और side में dividend income भी मिलती रहती है.

डिविडेंड के नुकसान क्या-क्या है?

  • ट्रेडर्स को डिविडेंड का फायदा नहीं मिलता है क्योंकि वह सुबह शेयर खरीदते हैं शाम को बेच देते हैं जबकि डिविडेंड के लिए stocks को होल्ड करके रखना पड़ता है इसलिए अगर आप trading करते हैं तो आपको डिविडेंड नहीं मिलेगा.
  • कुछ लोग ऐसा करते हैं कि जब कंपनी डिविडेंड का announcement करती है तो वह share को buy कर लेते हैं और जब उन्हें डिविडेंड मिल जाता है तो शेयर को sell कर देते हैं.
  • लेकिन अगर आप वास्तव में स्टॉक मार्केट से अमीर बनना चाहते हैं तो आपको किसी अच्छी कंपनी के शेयर को लंबे समय के लिए hold करना होगा, इससे stock का price भी बढ़ेगा और आपको dividend भी मिलता रहेगा जिससे आपको एक Regular income भी होती रहेगी।

ये भी पढ़ें,

डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें

Dividend meaning in share market in hindi, dividend kya hota hai

IMPORTANT THINGS TO KNOW ABOUT DIVIDEND IN HINDI―

यहां पर मैंने डिविडेंड के बारे में कुछ जरूरी बातें बताई हैं जो शायद आपको पता नहीं होंगी―

1. डिविडेंड कितना परसेंट मिल रहा है इस पर ध्यान मत दीजिये

  • अगर आप सिर्फ डिविडेंड के लिए स्टॉक खरीद रहे हैं तो कितना (%) डिविडेंड मिल रहा है ये मत देखिए क्योंकि डिविडेंड हमेशा face value पर मिलता है ना कि शेयर प्राइस पर.
  • मतलब अगर ITC 10 रुपये का डिविडेंड देती है तो अगर आप यह देखेंगे कि कितने परसेंट डिविडेंड दिया तो न्यूज़ चैनल्स में आपको दिखेगा 100% dividend दिया क्योंकि यह 100% फेस वैल्यू पर दिया जाता है.
  • इसलिए आपको डिविडेंड यील्ड देखना चाहिए कि आपको साल में करंट शेयर प्राइस पर कितना dividend मिलेगा.

2. डिवीडेंड के लालच में debt वाली कंपनियों में निवेश ना करें

  • आपको चेक करना चाहिए कि कंपनी डिविडेंड क्यों दे पा रही है मतलब कंपनी को सच में मुनाफा हुआ भी है या नहीं.
  • अगर कंपनी पर कर्जा (debt) है और फिर भी वह डिविडेंड बांट रही हैं तो आपको ऐसी कंपनी से दूर रहना चाहिए
  • जैसे; अगर आप इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) कंपनी का dividend yield 10% है और इस कंपनी पर कर्ज देखें तो करोड़ों रुपए का डेट है. अब चूंकि यह सरकारी कंपनी है इसलिए अब तक मार्केट में stable है वरना कोई प्राइवेट कंपनी होती तो अब तक बर्बाद हो चुकी होती.
  • ना सिर्फ IOC बल्कि अन्य सभी सरकारी कंपनियां भी बहुत सारा debt होने के बावजूद भी डिविडेंड देती हैं और यही कारण है कि इनका शेयर प्राइस long term में कभी नहीं बढ़ता है।

3. डिविडेंड से पहले शेयर प्राइस हिस्ट्री देखें

  • ये सरकारी कंपनियां बैंक से लोन लेती हैं और उसे डिविडेंड के रूप में लोगों को बांट देती हैं ताकि लोग इनमे पैसा invest करते रहे वरना इनकी शेयर प्राइस हिस्ट्री देख कर कोई भी इन कंपनियों में निवेश नहीं करेगा मतलब लोग सिर्फ डिविडेंड के लालच में आकर ऐसी कंपनियों में पैसा लगाते हैं।
  • अगर आप इन कंपनियों का पिछले 5 साल का चार्ट पेटर्न उठाकर देखे तो आपको शेयर प्राइस नीचे ही जाता दिखाई देगा क्योंकि cash रिज़र्व बढ़ने के बजाय कम हो रहे हैं.
  • जबकि अगर कंपनी पिछले साल 10% डिविडेंड बांटने की बजाए अपने पास रखती तो शेयर प्राइस 10% बढ़ जाता.
  • सीधी बात है कि अगर कंपनी के ऊपर बहुत सारा loan है तो सबसे पहले उसे अपने मुनाफे से डेट चुकाना चाहिए और उसे बिजनेस की ग्रोथ में लगाना चाहिए ना कि डिविडेंड बांटना चाहिए
  • क्योंकि कंपनी अपना डेट जितना कम करेगी उसे उतना ही कम interest देना पड़ेगा जिससे अगले साल उसका नेट प्रॉफिट बढ़ेगा जिसका फायदा अंत में कंपनी के शेयर होल्डर्स को ही मिलेगा।
  • लेकिन अगर कंपनी डेट चुकाने की बजाए डिविडेंड बांट रही है तो ऐसा करने से उस पर कर्ज बढ़ता जाएगा और कंपनी डूबती जाएगी.

4. डिविडेंड टैक्स के बारे में जरूर पता कर लें

आपको पता होना चाहिए कि डिविडेंड हमेशा नेट प्रॉफिट में से दिया जाता है मतलब वह प्रॉफिट जिस पर कंपनी पहले ही income tax सरकार को दे चुकी है लेकिन कंपनी जब आपको डिविडेंड देती है तो आपको भी उस डिविडेंड पर tax देना पड़ता है.

5. डिविडेंड इनकम से ज्यादा शेयर प्राइस की ग्रोथ पर ध्यान दें

  • कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें तो सिर्फ डिविडेंड से मतलब है फिर चाहे कंपनी लोन लेकर उन्हें डिविडेंड दे रही हो या कहीं से भी मतलब उन्हें अगर 10% हर साल dividend मिल रहा है तो वह खुश हैं.
  • लेकिन ऐसा सोचने वालों को मैं बता दूं कि जब भी कंपनी dividend बांटती है तो कंपनी की वैल्यू कम हो जाती है और शेयर प्राइस गिर जाता है.
  • यह सच है कि कंपनी जो डिविडेंड देती है उसका खामियाजा शेयर प्राइस को भुगतना पड़ता है.
  • इसका प्रूफ यह है कि pidilite और asian paint जैसी multibagger return देने वाली कंपनियां बिल्कुल ना के बराबर डिविडेंड देती हैं क्योंकि वह अपने पैसे को बिजनेस की ग्रोथ में लगाती हैं जिससे लॉन्ग टर्म में शेयर प्राइस बहुत तेजी से बढ़ता है और निवेशकों को फायदा होता है.
  • यहां तक कि Google जैसी बड़ी कंपनी भी डिविडेंड नहीं देती है बल्कि जितना भी मुनाफा होता है उसे वापस अपने बिजनेस में इन्वेस्ट करती है.
  • इसीलिए आपको सिर्फ यह देखकर खुश नहीं होना चाहिए कि कंपनी कितना डिविडेंड दे रही है बल्कि यह देखना चाहिए कि कंपनी डिविडेंड कैसे दे पा रही है.

6. चेक करो dividend देने के पीछे कंपनी के promotors का क्या मकसद है

  • अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि कुछ लोग तो सिर्फ डिविडेंड के भरोसे ही retire होने की सोचते हैं मतलब एक बार बहुत सारा पैसा किसी ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी में इन्वेस्ट कर दिया और फिर जिंदगी भर के लिए उन्हें पैसा आता रहेगा
  • और शायद यही कारण है कि यह सरकारी कंपनियां जिनमें बहुत सारे लोगों का पैसा लगा हुआ है वह उसे maintain करने के लिए डिविडेंड देती जा रही है क्योंकि वह अगर अचानक से dividend देना बंद कर देती है तो बहुत सारे लोगों की लाइफ पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
  • आपको यह समझना चाहिए कि कंपनी के promotors का मकसद होता है कंपनी की intrinsic value को बढ़ाना ना कि डिविडेंड बांटना ताकि लोग आपकी कंपनी का शेयर खरीदें. जानिए intrinsic वैल्यू क्या होती है? (विस्तार से)
  • अगर आप कंपनी के मालिक हैं तो आप कंपनी का शेयर प्राइस बढ़ाने के बजाय जिन लोगों को डिविडेंड दे रहे हैं उनके साथ भी आप गलत ही कर रहे हैं क्योंकि शेयर का दाम नहीं बढ़ रहा और वह इस आशा में बैठे हैं कि share का दाम बढ़ेगा.
  • कंपनी का मालिक होने के नाते आपका primary goal होना चाहिए कंपनी का शेयर प्राइस बढ़ाना क्योंकि आपने डिविडेंड देने के लिए कंपनी नहीं खोली है बल्कि शेयर प्राइस बढ़ाने के लिए कंपनी खोली है जिसमें सभी का फायदा है।

FAQ’s About ‘What is Dividend meaning in hindi’

डिविडेंड का क्या काम होता है?

एक कंपनी में डिविडेंड का काम होता है ‘शेयरहोल्डर्स को फायदा पहुंचाना’ मतलब कंपनी अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा निवेशकों तक पहुंचाने के लिए डिविडेंड का उपयोग करती है।

डिविडेंड साल में कितनी बार मिलता है?

कुछ कंपनियां साल में सिर्फ एक बार डिविडेंड देती हैं जबकि कुछ कंपनियां साल में 3- 4 भी डिविडेंड देती है इसका फैसला बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स AGM मीटिंग में करते हैं.

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी कौन सी है?

देखा जाए तो सबसे ज्यादा डिविडेंड सरकारी कंपनियां ही देती हैं जिनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, SAIL, कोल इंडिया और ONGC जैसे शेयर (stocks) शामिल है.

कंपनियां डिविडेंड क्यों देती हैं?

कंपनी इसीलिए डिविडेंड देती है क्योंकि वह चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसमें पैसा निवेश करें इसीलिए जब वह साल के अंत में मुनाफा कमाती है तो उस मुनाफे का कुछ हिस्सा दोबारा अपने व्यापार में लगाने की बजाए इन्वेस्टर्स में बांट देती है ताकि उस कंपनी के शेयर ज्यादा से ज्यादा बिक सके.

डिविडेंड कितना मिलता है?

अलग-अलग कंपनियों के द्वारा डिविडेंड की राशि भी डिफरेंट होती है कुछ कंपनियां अधिक तो कुछ कंपनियां कम डिविडेंड का भुगतान करती हैं जबकि कुछ कंपनियां बिल्कुल भी लाभांश नहीं देती है.

Conclusion (dividend kya hota hai meaning in hindi)

इस पोस्ट में मैंने पूरी कोशिश की है कि आपको डिविडेंड के बारे में सभी जरूरी बातें पता चल सके. साथ ही लाभांश (dividend meaning in hindi) की पूरी जानकारी विस्तार से देने की कोशिश की है।

मैं आशा करता हूं आपको इस पोस्ट से डिविडेंड क्या होता है (what is dividend in hindi) के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा और कुछ ऐसी चीजें पता चली होगी जो आपको पहले नहीं पता थी.

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अगर आपके मन में डिविडेंड से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें.

साथ ही अगर आपने भी किसी डिविडेंड देने वाली कंपनी (stocks) में निवेश किया है तो आप अपना एक्सपीरियंस कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं.

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