शेयर बाजार में अच्छे शेयर का चुनाव कैसे करें (2024 में)

जानिए 2024 में शेयर बाजार में एक अच्छा मल्टीबैगर शेयर कैसे चुनें, एक बेस्ट शेयर चुनते समय हमें क्या-क्या देखना चाहिए मतलब एक अच्छे शेयर की पहचान कैसे की जाती है?

अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं.

क्योंकि शेयर मार्केट में कुछ ऐसे टॉप इन्वेस्टर्स भी हैं जो हर साल सेंसेक्स और निफ्टी से भी कई गुना ज्यादा रिटर्न (लगभग 40% से 50%) कमाते हैं।

अच्छे शेयर कैसे चुनें
How to select a good stock in hindi

लेकिन आखिरकार ये लोग इतना ज्यादा प्रॉफिट कैसे कमा लेते हैं जबकि हम लोग तो जब स्टॉक में पैसा लगाते हैं तो या तो नुकसान हो जाता है या फिर बहुत ही Low Return मिल पाता है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन Top Investors के पास स्टॉक मार्केट में काफी सालों का experience होता है।

और हम में से ज्यादातर लोग इसलिए प्रॉफिट नहीं कमा पाते क्योंकि दूसरों से शेयर खरीदने की Tips मांगते हैं चाहे वह Brokerage houses हों, Financial websites हों या किसी टीवी चैनल पर कोई Expert हो।

इनमें से ज्यादातर लोग आपको बताते हैं कि खुद से सही शेयर को select करना कोई आसान काम नहीं है वह आपको विश्वास दिलाते हैं कि कोई भी बिना एक्सपर्ट की advice के Multibagger stock को कभी pick नहीं कर सकता मतलब ये लोग investing को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं।

लेकिन आखिर यह लोग ऐसा क्यों करते हैं?

वो इसलिए क्योंकि यही तो उनका बिजनेस है जिससे ये लोग पैसा कमाते हैं किसी भी समय किसी भी शेयर का प्राइस बढ़ा देते हैं और फिर उसे बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं जिसमें जिन लोगों ने इनसे Tips लेकर उस स्टॉक को खरीदा होता है उनका नुकसान हो जाता है।

लेकिन मैं आप से कहता हूं कि आप बिना किसी की मदद लिए खुद से ही अच्छे शेयर में निवेश कर सकते हैं।

इसलिए आज मैं आपको 7 तरीके बताने वाला हूं जिनके द्वारा आप स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और खुद से analyse करके अच्छे शेयर का चुनाव कर सकते हैं!

शेयर मार्केट में अच्छा शेयर चुनने के 7 तरीके

अच्छा शेयर कैसे चुने (How to select best stocks in hindi)

  1. कम्पनी के Financials चेक करें।
  2. किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले लें।
  3. कंपनीस में कंपटीशन एडवांटेज (Moat) देखें।
  4. सुनिश्चित करें कि कम्पनी पर कर्ज ज्यादा ना हो।
  5. RoE और RoCE जैसे फाइनेंशियल रेश्योस देखें।
  6. कम्पनी ट्रांसपेरेंट और ईमानदार होनी चाहिए।
  7. स्टॉक्स की सही वैल्यू पता करें।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नहीं है तो सबसे पहले किसी भी ब्रोकर प्लेटफार्म पर जाकर पहले अपना डीमैट अकाउंट खुलवा ले उसके बाद ही आप शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।

अभी जानें10 मिनट में Upstox पर फ्री डिमैट अकाउंट कैसे खोलें?

अपने शुरुआती समय में आपको सबसे ज्यादा ध्यान सीखने पर लगाना है क्योंकि स्टॉक मार्केट में आप जितना ज्यादा से ज्यादा सीखते चले जाएंगे आप उतना ही ज्यादा पैसा शेयर मार्केट से कमा पाएंगे।

अच्छे शेयर की पहचान करने के तरीके

आप एक बढ़िया शेयर तभी चुन सकते हैं जब आप यह जान ले कि– दुनिया का कोई भी बड़े से बड़ा इन्वेस्टर क्यों ना हो वह दो तरीके से शेयर मार्केट में पैसा निवेश करके अपनी wealth create करता है:

  1. पहला: Value investing के जरिये
  2. दूसरा: Trading करके।

यही दो ही तरीके हैं जिनसे लोग शेयर मार्केट में पैसा कमाते हैं।

लेकिन इन दोनों में अंतर क्या है?

इन दोनों में अंतर को जानने से पहले आपको Trading और Value investing दोनों के बारे में पता होना चाहिए।

इसलिए सबसे पहले ट्रेडिंग के बारे में कुछ जरूरी points देख लेते हैं उसके बाद value investing के बारे में भी चर्चा करेंगे ;

ट्रेडिंग के बारे में कुछ जरूरी बातें:

  1. ट्रेडिंग में आप प्रॉफिट कमाने के लिए Short Time पर फोकस करते हैं तो अगर उसी short time में मार्केट bullish जाता है तो आपको Profit होता है और अगर मार्केट bearish जाता है तो आपको Loss होता है।
  2. ट्रेडिंग में लोग short period के अंदर स्टॉक्स को Lower price में खरीद कर Higher price में बेच देते हैं और प्रॉफिट कमा लेते हैं।
  3. ट्रेडिंग में में लोग बहुत shorter time frame के अंदर मार्केट में enter करते हैं और बहुत ही जल्दी exit भी कर देते हैं।
  4. ट्रेडिंग में लोग स्टॉक्स को कुछ minutes, कुछ hours या ज्यादा से ज्यादा 1 दिन के लिए Hold करते हैं।
  5. ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सारे लोग टेक्निकल एनालिसिस का सहारा लेते हैं जिसमें बहुत सारे इंडिकेटर देखते हैं जैसे: मूविंग एवरेज, वोलैटिलिटी आदि।
  6. Stocks के prices में काफी ज्यादा volatility (उतार-चढ़ाव) होने के कारण ट्रेडिंग को ज्यादातर लोग rishky मानते हैं तो अगर आप बिना किसी stretagy के निवेश करते हैं तो आपको काफी loss भी हो सकता है।
  7. ट्रेडिंग में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो पहले दिन जितना प्रॉफिट कमाते हैं दूसरे दिन उससे 10 गुना या उससे भी ज्यादा पैसा loss कर देते हैं और फिर ट्रेडिंग छोड़कर लोगों के बीच स्टॉक मार्केट का नाम खराब करते हैं।

अब आइए देखते हैं वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या होती है?

Value investing के बारे में कुछ जरूरी बातें:

दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर Warren Buffett कहते हैं कि-

“अगर आप किसी स्टॉक को 10 साल के लिए रखने की सोच नहीं रखते हैं तो उसे 10 मिनट के लिए भी मत रखिये।”

उनके मुताबिक आप केवल उन्हीं कंपनीस के शेयर में निवेश करिए जिन्हें आप हमेशा के लिए होल्ड कर सकते हैं।

लंबे समय तक स्टोक्स को होल्ड करने का सबसे बड़ा फायदा इन्वेस्टर्स को यह है कि उन्हें डिविडेंड, stock split और multiple profits का फायदा मिल जाता है।

वैसे तो लंबे समय के लिए investors को profit ही होता है लेकिन कई बार कुछ Heavy fluctuations, external events और business downtrends की वजह से निवेशकों को नुकसान भी हो जाता है।

  1. जब आप लंबे समय के लिए स्टॉक्स को होल्ड करते हैं तो आपको अपनी wealth में Power of compounding दिखाई देगी।
  2. वैल्यू इन्वेस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें आपको exponential growth मिलती है।
  3. वैल्यू इन्वेस्टिंग करने के लिए बहुत सारे लोग फंडामेंटल एनालिसिस का सहारा लेते हैं। इसमें आप daily के price fluctuations पर फोकस नहीं करते हैं बल्कि आपको कंपनी के financials, management और यहां तक कि उस sector को भी analyse करना पड़ता है।
  4. ट्रेडिंग में लोग हाल ही 10% से 20% का प्रॉफिट तो कमा लेते हैं लेकिन इससे उनकी वेल्थ क्रिएट नहीं होती है तो wealth create करने के लिए आपको “वैल्यू इन्वेस्टिंग” करना जरूरी है।

आगे बढ़ने से पहले यह 1-2 बातें जरूर जान लें कि–

अमेरिका की एक बहुत ही फेमस philanthropist George F. Baker एक बहुत ही अच्छी बात बोलते हैं कि-

“स्टॉक्स से पैसा कमाने के लिए आपके पास उस स्टॉक को देखने का vision होना चाहिए, खरीदने का courage होना चाहिए और उसे होल्ड करने का patience होना चाहिए।”

जैसा कि आपको पता है कि स्टॉक मार्केट में NSE और BSE पर हजारों कंपनीज लिस्टेड हैं तो अब यह आपका काम है कि उन हजारों कंपनीस में से शेयर बाजार में सही कंपनी को कैसे ढूंढना है?

आज मैं आपको कुछ निवेश करने की ऐसी strategies बताने वाला हूं जिनके द्वारा आप बहुत ही अच्छे शेयर्स का चुनाव कर सकते हैं।

जब आप वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं तो आपको बहुत सारी चीजों से होकर गुजरना पड़ता है जैसे; कम्पनी के financial statements देखना, annual report पढ़ना, कंपनी की financial health को चेक करना आदि काम करने पड़ते हैं।

तो एक अच्छे स्टॉक में निवेश करने के लिए आज मैं आपको 7 Best Stretagies देने वाला हूं जो कि बहुत ही सिंपल और प्रैक्टिकल हैं;

STEP #1: कम्पनी के फाइनेंशियल पढ़ें

NSE और BSE पर तो हजारों स्टॉक्स लिस्टेड हैं लेकिन हर एक स्टॉक को एक-एक करके उसकी financial information देखना और analyse करना असंभव है।

इसलिए आप नीचे दिए गए कुछ screening criteria को देखकर अच्छे और सही शेयर का खुद से चुनाव सकते हैं।

एक बेस्ट स्टॉक चुनते समय क्या देखें–

  1. कंपनी की ‘मार्केट कैप’ 500 करोड़ से ज्यादा होनी चाहिये।
  2. Sales और Profit growth 10% से ज्यादा होनी चाहिए।
  3. Debt to equity ratio 1 से कम होना चाहिए।
  4. Earning Per Share (EPS) की growth rate पिछले 5 साल से लगातार बढ़ रही हो।
  5. Return on Equity (RoE) 20% से ज्यादा होनी चाहिए।
  6. P/B Ratio 1.5 कम या बराबर होना चाहिए।
  7. शेयर का P/E Ratio 25 से कम होना चाहिए।
  8. Current Ratio 1 से ज्यादा होना चाहिए।

आपको ये सभी “फाइनेंसियल इंफॉर्मेशन” खुद से चेक नहीं करना है। इसके लिए बहुत सारे ऑनलाइन स्क्रीनर टूल्स हैं जिन पर आप स्टॉक की यह सारी इनफार्मेशन देख सकते हैं जैसे; Moneycontrol और Equitymaster.

जब आप Equitymaster या Moneycontrol की वेबसाइट पर जाकर किसी भी stock को सर्च करेंगे तो आपको अगले पेज पर उस कंपनी के सारे criteria और “Financial ratios” दिखाई दे जाएंगे।

उनमें से आप ऊपर बताए गए criteria को देखकर strong fundamental वाली कम्पनी को सिलेक्ट कर सकते हैं।

STEP #2: कंपनी की पूरी जांच पड़ताल कर ले

Step#1 को देखकर अब आपने कंपनी के फाइनेंशियल्स को चेक करने के लिए क्या-क्या क्राइटेरिया देखना पड़ता है यह तो सीख लिया।

अब आपको उस कंपनी के बारे में जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके, पता करना है।

इसके लिए आपने जो कंपनी सिलेक्ट की है उसकी वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं, उस कम्पनी के updates को ट्रैक कर सकते हैं इसके अलावा आप कंपनी के बारे में गूगल पर सर्च कर सकते हैं।

आप Quora और Reddit जैसे forums पर जाकर उस कम्पनी के बारे में और लोगों से फीडबैक भी ले सकते हैं।

जितना ज्यादा आप उस कंपनी के बारे में जानेंगे, उतना ही आपको उसके बिज़नेस के बारे में समझ आएगा। जब आप अच्छी तरह उस कंपनी के बारे में जानकारी जुटा लें तब अपने आप से सवाल पूछा कि-

  • क्या कंपनी का बिजनेस मॉडल प्रॉफिटेबल है?
    क्या उस कम्पनी के प्रोडक्ट या सर्विस लोगों के लिए valuable हैं?
  • क्या मुझे पता है कि कम्पनी का बिज़नेस काम कैसे करता है और पैसा कैसे कमाता है?
    पिछले कुछ सालों में कंपनी में क्या-क्या उतार-चढ़ाव आए हैं?
  • क्या कंपनी पर कोई गैर कानूनी मुकदमा भी दर्ज है?

तो आपके लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है कि आप केवल उन्हीं कंपनियों में निवेश करें जिन्हें आप अच्छी तरह से जानते हैं। ऐसा करने से आप स्टॉक मार्केट में पैसा खोने से बच पाएंगे।

जानिये शेयर मार्केट में कौन से सेक्टर में निवेश करें?

अब सवाल आता है कि कंपनी तो हम ढूंढ लेंगे लेकिन कौन-सा सेक्टर सही है जो भविष्य में अच्छे रिटर्न दे सकता है? और आपके लिए किस सेक्टर में निवेश करना सही होगा यह कैसे पता चलेगा? तो आखिरकार किस सेक्टर की कम्पनी में निवेश करें?

तो आपका जिस भी सेक्टर में अच्छा knowledge रखते है आप उस सेक्टर में निवेश कर सकते हैं क्योंकि उस सेक्टर को समझना आपके लिए आसान रहेगा, सेक्टर की कंपनी के बिजनेस को आप अच्छी तरह से समझ पाएंगे और साथ ही साथ आप उस कंपनी के future vision को भी predict कर पाएंगे।

Example: मान लीजिए आप किसी आईटी कंपनी में जॉब करते हैं तो आप आईटी सेक्टर की किसी कम्पनी में अपना पैसा लगा सकते हैं जैसे: टेक महिंद्रा, Infosys, TCS, Wipro, HCL आदि।

इसी प्रकार अगर आप Pharma सेक्टर से संबंधित हैं तो आप इस सेक्टर के स्टॉक्स को अच्छी तरह समझेंगे।

लेकिन वहीं कुछ बिजनेस ऐसी ऐसी है जिसमें आपको उस सेक्टर को इतना ज्यादा ध्यान में रखने की जरूरत नहीं होती जैसे; कुछ consumer प्रोडक्ट्स जैसे- शेविंग क्रीम, footware, automobiles आदि।

उदाहरण: मान लीजिये आपने कुछ ऐसे स्टॉक्स खोज निकाले जो 2 व्हीलर manufacture करते हैं तो क्या क्या आपको लगता है कि इन स्टॉक्स को समझने के लिए आपका टू व्हीलर इंडस्ट्री में अच्छा खासा बैकग्राउंड होना चाहिए?

“नहीं ना” क्योंकि इंडिया में two-wheeler की इतनी ज्यादा डिमांड है कि यह सेक्टर हमेशा growth ही दिखाता है।

इसी तरह Real estate सेक्टर भी बहुत डिमांडिंग है जो हमेशा चलता रहेगा क्योंकि Tiles manufacturing कंपनीस जैसे- Kajaria या फिर Sanitery कम्पनी जैसे- ‘Cera’ ऐसी कंपनियों की डिमांड हमेशा बनी रहेगी मार्केट में।

तो आपको उसी सेक्टर में निवेश करना चाहिए जिसकी डिमांड हमेशा बनी रहेगी और जिन सेक्टर में आपको लगता है कि भविष्य में अच्छी growth दिख सकती है।

STEP #3: कंपनीस में competitive advantage (Moat) देखें

अब तक आप उन कंपनीस को identify करना सीख चुके हैं जिनके फाइनेंशियल्स अच्छे हो, बिजनेस मॉडल समझने में आसान हो लेकिन अब आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि आखिर उस कंपनी के पास क्या कोई ऐसा competitive advantage भी है (जिसे हम “Moat” कहते हैं) जिसके द्वारा वह अपने सेक्टर की कंपनियों से अच्छा perform कर सकती है।

Moat किसी कंपनी का competitive advantage होता है मतलब कोई ऐसा लाभ जो उसी industry में केवल उसी कंपनी के पास हो बाकी के पास नहीं। जितना बड़ा मोट होगा वह कंपनी उतनी ज्यादा sustainable रहेगी और उतना ही बड़ा उसके पास competitive advantage होगा।

इसका मतलब है कि उस कंपनी के competitors के लिए आपके इस extra advantage को replace करना बहुत मुश्किल होगा जिससे आपके competitors कभी भी आपके मार्केट शेयर को beat नहीं कर पाएंगे।

तो आपको ऐसी कंपनी के स्टॉक्स को सिलेक्ट करना है और उसमें पैसा निवेश करना है।

अगर देखा जाए तो Moats कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे:

  • आपका Brand आपके competitors की तुलना में बहुत strong हो सकता है।
  • हो सकता है कि उस इंडस्ट्री में आपका कोई बिजनेस पहले से ही सक्सेसफुल हो तो उसका लाभ भी आपको मिल सकता है जो दूसरों को नहीं मिल सकता।
  • आपके पास first mover advantage हो सकता है।
  • कुछ गवर्नमेंट रेगुलेशन पर आपका कंट्रोल हो सकता है जो कि दूसरों को बिजनेस करने से रोक रही हो लेकिन आपको नहीं।

उदाहरण: “Apple” कंपनी का एक बहुत strong ब्रांड बना हुआ है जिस पर लोग विश्वास करते हैं इसके अलावा इनके प्रोडक्ट की मार्केट में डिमांड भी बहुत ज्यादा है जोकि एप्पल के लिए एक “मोट” है क्योंकि इसके competitors के पास इतने advantage नहीं हैं।

कुछ और कंपनी हैं जिनके Moats काफी स्ट्रांग हैं जैसे: कोलगेट, फेविकोल, मारुति क्योंकि लोगों के दिमाग में इन कंपनियों की एक छवि बनी हुई है और उस इंडस्ट्री के बारे में सोचते ही सबसे पहले ध्यान इन्हीं कंपनियों की तरफ जाता है।

इन कंपनियों ने लोगों के दिमाग में बहुत तगड़ी अपनी value बनाई हुई है।

इसीलिए किसी नए competitors के पास इतनी ताकत नहीं होती कि मार्केट में इनका मुकाबला कर सके इसीलिए यह कंपनियां हमेशा पूरे मार्केट पर अपने मोनोपली क्रिएट करके रखती हैं और सालों साल बड़ी होती चली जाती हैं।

इसलिए आप जब भी किसी स्ट्रांग फंडामेंटल कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करें तो उसके “Moats” को जरूर पता कर लें।

STEP #4: Ensure करें कि कम्पनी पर Low-debt हो।

जब आप stocks को फ़िल्टर करने के लिए कम्पनी के screening criteria देखते हैं तो उनमें से current ratio और Debt to Equity Ratio भी analyse करते हैं।।

यह दोनों ratios हमें बताते हैं कि वह कंपनी उधार ली हुई पूंजी (Debt) पर कितना निर्भर है मतलब उस कंपनी ने कितना कर्ज लिया हुआ है।

तो जब आप सही शेयर का चुनाव करें तो इन दोनों अनुपात के अलावा यह भी देखें कि वह कम्पनी पिछले कुछ सालों से अपने कर्ज (Debts) को कैसे मैनेज कर रही है।

अगर कंपनी अपने Debts यानी कर्जों को साल दर साल कम कर रही है तो वह ऑटोमेटिकली अपने profits को बढ़ाएगी जोकि एक पॉजिटिव संकेत है कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ का।

किसी कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ कैसे चेक करें?

किसी कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ को चेक करने के लिए आप मनीकंट्रोल की वेबसाइट पर जाकर उस कम्पनी की बैलेंस शीट देख सकते हैं जिसमें उस कंपनी के current Liabilities और Long term debts लिखे रहते हैं।

  • Long term debts वो debts हैं जो वह कम्पनी 1 साल से ज्यादा समय से उधार लिए हुए हो और current Liabilities कंपनी के वो कर्जे (Debts) हैं जो उसे 1 साल में चुकाने हैं.

वो कंपनीस जिन पर बहुत ज्यादा Long term debts होते हैं वह अपने कर्ज़ों को नहीं चुका पाती क्योंकि उसका ज्यादातर पैसा ब्याज देने में ही चला जाता है।

इसलिए वह कंपनी कभी भी आगे नहीं बढ़ पाती और एक समय ऐसा आता है जब वह bankruptcy की कगार पर पहुंच जाती है।

इसलिए आपको कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ चेक करते समय यह देखना चाहिए कि पिछले कुछ सालों में कंपनी ने कितना Debts कम किया है और कहीं ऐसा तो नहीं है कि कंपनी का Debt कम होने की बजाय उल्टा बढ़ गया है।

उदाहरण: अगर हम टेक महिंद्रा को देखें तो 2012 से लेकर 2016 तक उसने लगातार अपने Debt को कम किया है जो कि एक अच्छा संकेत है।

इसके अलावा आप फाइनेंशियल हेल्थ देखने के लिए ‘long-term debt ratio‘ को भी देख सकते हैं।

इसका Formula होता है;

Long-term Debt Ratio = Long-term Debt / Total Assets

अगर यह Ratio 1 ज्यादा आता है तो उसका मतलब यह है कि उस कंपनी के पास जितने Assets हैं उससे कई ज्यादा उसके पास Debt है जो उसे चुकाना है तो ऐसी कंपनी में कभी भी पैसा निवेश ना करें।

NOTE: सबसे ज्यादा Debts अगर देखा जाए तो real estate कंपनीस, infrastructure कंपनीस, और banks पर ही पाया जाता है तो ऐसी कंपनियों स्टॉक्स को खरीदते वक्त इनके Debts को जरूर चेक कर लें।

STEP #5: RoE और RoCE जैसे financial ratios देखें

Warren buffett जब भी स्टॉक्स को सेलेक्ट करते हैं तो तो वह 2 Ratios को जरूर देखते हैं-

  • पहला: RoE मतलब Return on Equity
  • दूसरा: RoCE मतलब Return of Capital Employed

Return on Equity हमें यह बताती है कि हमने जो पैसा निवेश किया है उस पर हमें कितना Return मिला है।

जबकि Return of Capital Employed से हमें पता चलता है कि कंपनी ने अपने व्यापार में जितना पैसा लगाया हुआ है उसके ऊपर हमें कितना return मिल रहा है।

इन दोनों financial ratios (अनुपात) को देखने के बाद आप समझ सकते हैं कि;

  • कोई कंपनी कितनी ज्यादा प्रॉफिटेबल है?
  • कोई कंपनी कैसे अपने Resources को मैनेज करती है?

जिस कंपनी के RoE और RoCE अनुपात ज्यादा होते हैं तो यह दिखता है कि उस कंपनी के पास फ्यूचर में काफी पोटेंशियल है और आगे चलकर उस कंपनी की value बढ़ सकती है।

तो जब भी आप स्टॉक्स को सिलेक्ट करें तो यह जरूर देखें कि RoE और RoCE 20% से ज्यादा होना चाहिए और पिछले 5 सालों से लगातार बढ़ रहे हों।

STEP #6: कम्पनी Transparent और Honest होनी चाहिए

अगर कंपनी ट्रांसपेरेंट नहीं है तो फिर वह कंपनी फंडामेंटली कितनी भी स्ट्रांग क्यों ना हो उसमें निवेश नहीं करना चाहिए।

कंपनी के मैनेजमेंट का फ्रॉड होना ही सबसे बड़ा कारण है कि लोग स्टॉक मार्केट पर भरोसा नहीं करते हैं क्योंकि फास्ट में ऐसे बहुत सारे घोटाले हुए हैं जिनसे के लोगों का शेयर मार्केट पर से विश्वास उठ गया है जैसे; हर्षद मेहता स्कैम, केतन पारेख स्कैम।

बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जो शेयर होल्डर्स को मिसलीड करती हैं और सेबी के नियमों का भी पालन नहीं करते हैं मतलब SEBI को भी चकमा देने की कोशिश करते हैं।

इन कंपनियों से निवेशकों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है इसलिए ऐसी कंपनियों से हमेशा दूर रहना चाहिए।

कंपनी के मैनेजमेंट से हमारा मतलब है उस कंपनी के प्रमोटर्स, CEO, CFO, मैनेजिंग डायरेक्टर आदि।

अगर हम एक ट्रांसपेरेंट और इमानदार मैनेजमेंट वाले कंपनी का उदाहरण देखें तो वह है: Avanti Feeds.

शेयर मार्केट में फ्रॉड कंपनी का पता कैसे लगाएं?

कुछ तरीके हैं जिनसे आप स्टॉक मार्केट में श्रवण और घोटालेबाज कंपनियों को आसानी से पता कर सकते हैं-

1. कंपनी के सारे ट्रैक रिकॉर्ड को देखकर

आपको घर पर जाकर उस कंपनी के नाम के आगे फ्रॉड या scam लिखकर सर्च कर सकते हैं जैसे; ‘ कंपनी का नाम’ scam तो अगर उस कंपनी ने कोई फ्रॉड किया होगा तो वह आपको गूगल पर दिख जाएगा।

साथ ही साथ आपको कंपनी के सभी मैनेजमेंट के नाम को चेक करना है, कहीं कंपनी के executives के खिलाफ कोई मुकदमा तो दर्ज नहीं है और उनकी क्वालिफिकेशन कितनी है और इसके अलावा उनके पिछले सारे Track Records से भी देख सकते हैं।

2. Annual Report पढ़ें

  • कंपनी और उसके मैनेजमेंट को अच्छी तरह से समझने के लिए आपको उस कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट पढ़नी चाहिए।
  • वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर आप उस कंपनी के भविष्य के दृष्टिकोण, strategies और आने वाले innovations के बारे में पता कर सकते हैं।
  • यह Annual रिपोर्ट उस कंपनी का सीईओ ही बनाता है जिसमें उसके long term vision के बारे में पता चलता है।
  • Annual Report आप उस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

3. Promoters की शेयर होल्डिंग को देखें

अगर कंपनी के प्रमोटर्स के शेयर होल्डिंग उस कंपनी में ज्यादा है तो यह एक पॉजिटिव संकेत है क्योंकि उसके प्रमोटर्स को अपनी कंपनी पर विश्वास है इसीलिए वह उसमें पैसा निवेश कर रहा है।

लेकिन अगर किसी कंपनी के प्रमोटर के शेयर होल्डिंग बहुत कम है तो यह एक नेगेटिव सिग्नल है इसका मतलब है कि प्रमोटर्स को खुद ही अपनी कंपनी पर भरोसा नहीं है तो आपको ऐसी कंपनी में निवेश नहीं करना चाहिए।

अगर Promoters की शेयर होल्डिंग 40% से 50% है तो हम कह सकते हैं कि वह अच्छा स्टॉक है।

STEP #7. स्टॉक्स की सही वैल्यू पता करें

सबसे ज्यादा लोगों को यही confusion रहता है कि आखिरकार स्टॉक का सही प्राइस कैसे पता करें?

Warren Buffet कहते हैं कि-

“Price is what you pay, the value is what you get”

वह कहते हैं कि-

मिनिमम प्राइस देकर मैक्सिमम valuable कंपनी में पैसा निवेश करना चाहिए।

स्टॉक्स को कम प्राइस पर खरीदने से “मार्जिन आफ सेफ्टी” मिल जाती है जो कि आपके इन्वेस्टमेंट को Risk से बचाती है।

स्टॉक्स के जिस प्राइस के बारे में warren buffett यहां पर बात कर रहे हैं वह इंटरिंसिक वैल्यू से भी कम होता है।

तो जब भी कोई स्टॉक अपनी intrinsic value से कम प्राइस पर मिल रहा हो तो उसे खरीद लेना चाहिए। ऐसे स्टॉक्स को खरीदने से फ्यूचर में आपके निवेश पर तगड़ा रिटर्न मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

उदाहरण: अगर किसी स्टॉक की intrinsic value 100 रुपये है और वह stock ज्यादातर समय 100 रुपये या उससे ज्यादा प्राइस पर ही मिलता है तो अगर कभी भविष्य में वह 100 रुपये नीचे चला जाता है तो उसे तुरंत ही खरीद लेना चाहिए।

तो यह थे शेयर मार्केट में एक अच्छा शेर चुनने 7 बेस्ट तरीके जिन्हें फॉलो करके आप एक मल्टीबैगर शेयर ढूंढ सकते हैं।

ये भी पढ़े-

4.9/5 - (7 votes)