डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? Types of Demat Account in Hindi

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं, Types of demat account in hindi, डीमैट अकाउंट के प्रकार, जानिए शेयर मार्केट में कितने प्रकार के डीमैट खाते होते हैं और आपको कौन सा डिमैट अकाउंट खोलना चाहिए?

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं, Types of demat account in hindi

नमस्ते दोस्तो! आज के समय में शेयर बाजार और निवेश के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। अगर आप शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने में रुचि रखते हैं तो आपने डीमैट अकाउंट के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

ये अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को safe और secure तरीके से होल्ड करता है और मार्केट के मूवमेंट्स के अनुसार आपके खरीदे गए गए और सभी इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने में मदद करता है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं और इन प्रकारों के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और अपने निवेश पोर्टफोलियो को मैनेज करना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।

तो चलिये शुरू करते हैं और जानते हैं कि डीमैट अकाउंट के प्रकार (Types of demat account in hindi) के बारे में–

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं (Types of demat account in hindi)

डीमैट अकाउंट 5 प्रकार के होते हैं–

  1. बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (Basic Services Demat Account)
  2. रेगुलर डीमैट अकाउंट (Regular Demat Account)
  3. प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
  4. गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account)
  5. लाभार्थी डीमैट खाता (Beneficiary Owner Demat Account)

चलिए इन सभी डिमैट अकाउंट के प्रकार (Types of demat account) के बारे में एक-एक करके जान लेते हैं–

1. BSDA (Basic Services Demat Account)

BSDA (बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट) एक ऐसा डीमैट अकाउंट होता है जो छोटे निवेशकों के लिए उपयोगी होता है। इस मेरे खाते में लेन-देन की सीमा 2 लाख रुपये तक होती है और इसमें अकाउंट मेंटेनेंस के लिए कम से कम चार्ज लगते हैं।

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  • इस प्रकार के डीमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको किसी ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के पास जाना होता है और उनसे अनुरोध करना होता है कि वो आपके लिए बीएसडीए अकाउंट ओपन करें।
  • बीएसडीए अकाउंट में अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज 100 रुपये तक ही होते हैं,
  • जबकि रेगुलर डीमैट अकाउंट में ये चार्ज करता है 400 रुपये तक हो सकते हैं।

बीएसडीए डीमैट अकाउंट को ओपन करने के लिए आपके पास कुछ डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है जैसे– पैन कार्ड, आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक डिटेल्स। इन दस्तावेजों की मदद से आपकी KYC प्रक्रिया पूरी की जाती है और आपका डीमैट खाता खुल जाता है।

इस प्रकार का डीमैट अकाउंट स्मॉल इनवेस्टर्स के लिए फ़ायदेमंद होता है क्योंकि उनकी इन्वेस्टमेंट लिमिट 2 लाख रुपये तक होती है। अगर आप छोटे अमाउंट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो BSDA Demat account को ओपन करना एक अच्छा ऑप्शन है।

इस डीमैट अकाउंट की मदद से आप शेयर और सिक्योरिटीज को सेफ और सिक्योर तरीके से होल्ड कर सकते हैं। साथ ही इस अकाउंट के जरिये आप अपनी इन्वेस्टमेंट को ट्रैक कर सकते हैं और अपनी होल्डिंग्स का पता लगा सकते हैं।

कुल मिलाकर छोटे निवेशकों के लिए इस प्रकार का डीमैट अकाउंट खोलना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

2. Regular Demat Account

रेगुलर डीमैट अकाउंट एक ऐसा डीमैट खाता होता है जिसमें कोई भी लिमिट नहीं होती और अधिक मात्रा में लेनदेन के लिए उपयोगी होता है। इस अकाउंट की मदद से आप अपने शेयर्स को स्टोर कर सकते हैं, खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं और ट्रांसफर कर सकते हैं।

  • रेगुलर डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको एक ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास जाना होता है और उनसे अनुरोध करना होता है कि वो आपके लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट ओपन करें।
  • यह खाता खोलने के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, पता प्रमाण, और बैंक विवरण।
  • इन डॉक्युमेंट्स की मदद से आपका केवाईसी प्रोसेस कंप्लीट किया जाता है और आपका अकाउंट ओपन होता है।
  • नियमित डीमैट खाते में कोई लेनदेन सीमा नहीं होती है और इसमें आपकी निवेश राशि कुछ भी हो सकती है।
  • इस अकाउंट की मदद से आप अपना शेयर और सिक्योरिटीज को सेफ और सिक्योर तरीके से होल्ड कर सकते हैं और मार्केट के मूवमेंट के अनुसार खरीद, बिक्री, ट्रांसफर कर सकते हैं। आप
  • अपने निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड करने के लिए भी इस अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं।

रेगुलर डीमैट अकाउंट की मदद से आप मार्केट मूवमेंट को ट्रैक कर सकते हैं और अपनी इन्वेस्टमेंट को मैनेज कर सकते हैं। इस अकाउंट में आपको अकाउंट मेंटेनेंस के लिए चार्ज देने होते हैं, जिसकी फीस ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट तय करता है।

इसलिए, अगर आपको मार्केट के मूवमेंट में दिलचस्पी है और आप अपनी इन्वेस्टमेंट को एक्टिवली मैनेज करना चाहते हैं, तो रेगुलर डीमैट अकाउंट आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

3. Repatriable (NRI) Demat Account

Repatriable यानी NRI डीमैट अकाउंट एक ऐसा डीमैट खाता होता है जो इंडिया से बाहर रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी होता है। मतलब NRI जो अपने देश से बाहर रहते हैं और शेयर और सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एनआरआई डीमैट अकाउंट बहुत Beneficial हो सकता है।

इस प्रकार का डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको किसी भी बैंक में ब्रोकर के पास जाना होता है और उनसे अनुरोध करना होता है कि वो आपके लिए NRI डीमैट खाता खोलें।

  • NRI demat account खोलने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है जैसे– पासपोर्ट, एड्रेस प्रूफ, बैंक डिटेल्स और एनआरआई स्टेटस का प्रूफ।
  • इन documents की मदद से आपका केवाईसी प्रोसेस कंप्लीट किया जाता है और आपका अकाउंट ओपन हो जाता है।
  • इस अकाउंट में NRI अपने निवेश पोर्टफोलियो को स्टोर, Buy, Sell, Transfer और Hold कर सकते हैं।
  • ये अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित तरीके से होल्ड करने की सुविधा देता है और मार्केट के मूवमेंट्स के अनुसर इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने में मदद करता है।
  • एनआरआई डीमैट खाता NRI यानी हमारे देश से बाहर की लोगों को अपने देश में बिना शारीरिक रूप से मौजूद हुए भी अपना निवेश करने की सुविधा देता है।
  • इस खाते की मदद से एनआरआई अपने देश के शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं और अपने देश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकते हैं।

इस अकाउंट में अकाउंट मेंटेनेंस के लिए चार्ज लगते हैं और ये चार्ज ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट तय करता है। इसलिए, अगर आप एक एनआरआई है और इंडियन शेयर मार्केट या अपने जिससे बाहर के शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो NRI Demat Account आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

4. Non-Repatriable Demat Account

गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता: ये खाता भी NRI निवेशकों के लिए होता है, लेकिन इसमें एनआरआई सिर्फ अपनी कमाई से ही निवेश कर सकते हैं। इस खाते की मदद से NRI अपने विदेशी कमाई को इंडिया में invest कर सकते हैं।

इस प्रकार के डीमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको किसी भी बैंक में ब्रोकर के पास जाना होता है और उनसे अनुरोध करना होता है कि वो आपके लिए प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता खोल दें।

  • यह खाता खोलने के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है जैसे– पासपोर्ट, एड्रेस प्रूफ, बैंक डिटेल्स और एनआरआई स्टेटस का प्रूफ।
  • इन डॉक्युमेंट्स की मदद से आपका केवाईसी प्रोसेस कंप्लीट किया जाता है जिसके बाद आपका डीमैट अकाउंट ओपन होता है।
  • यह डीमैट खाता एनआरआई को अपनी investments को foriegn currency में रखने और विदेशी शेयर बाजार में निवेश करने की सुविधा देता है।
  • इस खाते की मदद से एनआरआई अपने निवेश को अपने देश से बाहर ले जा सकते हैं और विदेशी मुद्रा में अपना निवेश कर सकते हैं।
  • इस अकाउंट में इन्वेस्टमेंट को सेफ और सिक्योर तरीके से होल्ड किया जाता है और सभी इन्वेस्टमेंट को बहुत ही अच्छी तरह से को मैनेज किया जाता है।
  • इस अकाउंट में अकाउंट मेंटेनेंस के लिए चार्ज लगते हैं और ये चार्ज ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट तय करता है।

इसलिए, अगर आप एक एनआरआई है और अपना निवेश को विदेशी मुद्रा में रखना और विदेशी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो यह डीमैट अकाउंट आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इस खाते की मदद से एनआरआई अपने निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड कर सकते हैं और अपने निवेश को foreign currency में होल्ड करके करेंसी रिस्क से बच सकते हैं।

5. Minor Demat Account

माइनर डीमैट खाता एक ऐसा डीमैट खाता होता है जो नाबालिगों के लिए उपयुक्त होता है। इस अकाउंट में माइनर अपने निवेश पोर्टफोलियो को होल्ड और मैनेज कर सकते हैं। माइनर जो अभी लीगली एडल्ट नहीं है, वो अपना निवेश के लिए डीमैट अकाउंट का प्रयोग नहीं कर सकते हैं, इसके लिए माइनर डीमैट अकाउंट उनके लिए उपयोग होता है।

  • इस खाते को खोलने के लिए नाबालिगों की उम्र 18 साल से कम होनी चाहिए और इस खाते के लिए नाबालिगों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक की अनुमति की जरूरत होती है।
  • यह डीमैट खाता खोलने के लिए कुछ दस्तावेज की जरूरत होती है जैसे जन्म प्रमाण पत्र और address proof.
  • माइनर डीमैट अकाउंट में माइनर अपना निवेश पोर्टफोलियो को स्टोर, खरीद, बिक्री, ट्रांसफर और होल्ड कर सकते हैं।
  • ये अकाउंट इन्वेस्टमेंट को सेफ और सिक्योर तारिके से होल्ड करने की सुविधा देता है और मार्केट के मूवमेंट्स के अनुसर इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने में मदद करता है।

इस डीमैट खाते में नाबालिगों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक को खाते में लेन-देन की देख-भाल करनी होती है और लेन-देन को मंजूरी देना होता है। इस अकाउंट में अकाउंट मेंटेनेंस के लिए चार्ज लगते हैं और ये चार्ज ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट तय करता है।

इसलिए, अगर आप अपने बच्चों के निवेश को मैनेज करना चाहते हैं और उन्हें निवेश की जानकरी देना चाहते हैं, तो माइनर डीमैट अकाउंट आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये demat account माइनर्स को इन्वेस्टमेंट के बेसिक कॉन्सेप्ट्स और स्टॉक मार्केट के बारे में जानने का मौका देता है और उन्हें इन्वेस्टमेंट की दुनिया में शुरुआत करने का मौका देता है।

FAQ’s (Types of demat account in hindi)

डीमैट खाता क्या होता है?

डीमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जो इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयर और सिक्योरिटीज को होल्ड करता है। ये अकाउंट शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए जरूरी होता है।

डीमैट खाता खोलने के लिए क्या जरूरी है?

डीमैट खाता खोलने के लिए आपको एक सेबी पंजीकृत ब्रोकर से संपर्क करना होगा। यह अकाउंट खोलने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट और फीस जमा करनी होगी।

डीमैट खाता कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट खाते मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं – बेसिक सर्विसेज डीमैट खाता (बीएसडीए), नियमित डीमैट खाता और कॉर्पोरेट डीमैट खाता।

डीमैट खाता खोलने के लिए कितनी फीस लगती है?

डीमैट खाता खोलने के शुल्क ब्रोकर के ऊपर निर्भर करते हैं और आम तौर पर खाता खोलने की फीस और वार्षिक रखरखाव शुल्क शामिल होते हैं। फीस अलग-अलग ब्रोकर के अनुसार अलग हो सकती है।

क्या एक व्यक्ति के पास एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट हो सकते हैं?

हां, एक व्यक्ति के पास एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट हो सकते हैं लेकिन उन्हें मेंटेन करना जरूरी होता है। अगर आपको एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है तो एक ही अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष– ‘डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं’

अब तक हमने देखा कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट खाते कितने जरूरी होते हैं। एक डीमैट अकाउंट से आप अपना इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो सुरक्षित तरीके से होल्ड कर सकते हैं और अपने सभी इन्वेस्टमेंट को मैनेज कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं और इन सभी Types of demat account in hindi के बारे में डिटेल में जानकारी दी। अब आप जान चुके हैं कि किस प्रकार के डीमैट अकाउंट आपके लिए उपयोगी होते हैं और कैसे आप इनका प्रयोग करके अपने निवेश को मैनेज कर सकते हैं।

उम्मीद है कि ये लेख आपके लिए उपयोगी रहेगा और आपको इससे शेयर बाज़ार में निवेश करने में मदद मिलेगी।

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मेरा नाम दीपक सेन है और मैं इस वेबसाइट का Founder हूं। यहां पर मैं अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से शेयर मार्केट, निवेश और फाइनेंस से संबंधित उपयोगी जानकारी शेयर करता हूं। ❤️